| कवि – डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल ‘ | माँ तो केवल माँ होती है। माँ के जैसा कोई न दूजा, जो निज सुख बच्चों पर वारे। हर दुख,विपदाओं को सहती, फिर भी कभी न हिम्मत हारे।। बच्चों के भविष्य की खातिर, संस्कार के बीज बोती है। माँ तो केवल माँ होती है। लाड़ दुलार लुटातीContinue reading “माँ”
