| लेखिका – निवेदिता चक्रवर्ती |

श्रीमती निवेदिता चक्रवर्ती ,सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय कवयित्री, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर अपने फेसबुक के पटल से लाइव आईं।
इस लाइव कार्यक्रम का आयोजन निवेदिता जी ने देश के नागरिकों को बाघ संरक्षण का महत्व बताने हेतु किया। इस कार्यक्रम में ६ हज़ार (6000+) से अधिक दर्शक जुड़े और बहुतों ने कमेंट्स द्वारा अपनी राय भी दी। इस कार्यक्रम द्वारा निवेदिता जी ने बाघ से सम्बंधित कुछ विशिष्ट तथ्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने सन १९७३ में शुरू किये गए “प्रोजेक्ट टाइगर ” के बारे में बताया जिसके अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों में बाघ की संख्या की वर्तमान दशा को बताया। तीन टाइगर रिज़र्व में बाघों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की -बुक्सा टाइगर रिज़र्व (पश्चिमी बंगाल ),डम्पा टाइगर रिज़र्व (मिजोरम ) और पलामू टाइगर रिज़र्व (झारखंड) ,बाघों की संख्या के मामले में टॉप ३ राज्य हैं -मध्य प्रदेश ,कर्नाटक और उत्तराखंड। बाघों की संख्या में ३३% वृद्धि अच्छा संकेत है। इसके अलावा उन्होंने बाघों के अनैतिक शिकार और वन्य कटाई की ओर ध्यान खींचा।
निवेदिता चक्रवर्ती ने बाघों के शरीर के अंगों के दुरुपयोग पर दुःख व्यक्त किया। इसके अलावा उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र और जैव संरक्षण को विस्तार में समझाया और उससे बाघ संरक्षण के सम्बन्ध को स्थापित करते हुए इसके महत्व को विस्तृत किया। निवेदिता ने समाज और देश को इन विशिष्ट विषयों पर जागृत करने के लिए सोशल प्लेटफॉर्म को प्रयोग में लाने को लो लोगों में चेतना प्रसारित की।

बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने अपने इस लेख के जरिये।
बधाई ।
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बहुत आभार !!
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